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Tuesday, July 4, 2017

साइकिल चलाने से कम होगा कैंसर का ख़तरा

साइकिल चलाने से कम होगा कैंसर का ख़तरा


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क्या आप लंबी ज़िंदगी जीना चाहते हैं? कैंसर के ख़तरे को कम करना चाहते हैं? तो साइकिल आपके लिए फ़ायदेमंद है. ये वैज्ञानिकों का कहना है.
अध्ययन के मुताबिक साइकिल के उपयोग से दिल की बीमारी और कैंसर की आशंका कम हो जाती है.
ब्रिटेन में नियमित आने-जाने वाले ढाई लाख लोगों पर किया गया अध्य्यन ये दिखाता है कि सार्वजनिक परिवहन में बैठने या कार में सफ़र करने के मुक़ाबले पैदल चलना ज़्यादा फ़ायदेमंद है.
ग्लासगो की टीम का कहना है कि एक बार नियमित कामकाज का हिस्सा बनने के बाद साइकिल चलाने के लिए किसी इच्छाशक्ति की ज़रूरत नहीं होती जैसे कि जिम जाने के लिए होती है.
पांच साल के अध्ययन में सक्रिय रहने वाले लोगों की तुलना उन लोगों से की गई जो अधिकतर स्थिर रहते हैं.
कुल मिलाकर जिन लोगों का अध्य्यन किया गया उनमें से 2430 लोगों की मौत हो गई, 3748 लोगों को कैंसर हुआ, 1110 लोगों को दिल से जुड़ी समस्याएं दिखाई दीं.
लेकिन अध्ययन के दौरान देखा गया कि लगातार साइकिल चलाने से किसी भी वजह से होने वाली मौत का ख़तरा 41 प्रतिशत तक कम हो जाता है. इनमें कैंसर के मामले 45 प्रतिशत और दिल की बीमारी के मामलों में 46 प्रतिशत हैं.
इनमें साइकिल चलाने वालों ने एक हफ़्ते में औसतन क़रीब 48 किलोमीटर साइकिल चलाई, लेकिन इसके आगे भी उन्होंने जितनी साइकिल चलाई वोउनकी सेहत के लिए वो वरदान साबित हुआ.
पैदल चलने से दिल की बीमारी विकसित होने में कमी आई, लेकिन फ़ायदा सिर्फ़ उन्हीं को हुआ जो हफ़्ते में क़रीब 10 किलोमीटर चलते थे.
ग्लासगो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. जेसन गिल ने बीबीसी न्यूज़ वेबसाइट को बताया, ''ये सीधा सबूत है कि जो लोग क्रियाशील तरीकों से सफ़र करते हैं, ख़ासतौर से साइकिल से, उनको ख़तरा कम होता है. आपको रोज़ काम पर जाना है तो अगर आप साइकिल को उसका हिस्सा बना लें तो इच्छाशक्ति का सवाल ही नहीं उठता. हमें साइकिल के इस्तेमाल की आदत को आसान बनाने के लिए सिर्फ अपना बुनियादी ढांचा बदलना है, हमें एक अलग लेन की ज़रूरत है जिससे ट्रेन में साइकिल रख सकें.''
वो लोग जो साइकिल और सार्वजनिक परिवहन दोनों में सफ़र करते हैं उनकी सेहत में भी इसके फ़ायदे नज़र आए.

सांस फूलना

जिस तरह से ये अध्य्यन ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया, इसका मतलब था स्पष्ट कारण और असर का निर्धारण करना संभव नहीं है.
हालांकि धूम्रपान, खान-पान और मोटापे जैसे अन्य संभावित प्रभावों के आंकड़ों को हटाने के बाद भी इसका असर था.
जिस तरह से अध्ययन ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया था, इसका अर्थ था कि स्पष्ट कारण और प्रभाव का निर्धारण करना संभव नहीं है.
इसका मतलब है कि अध्ययन के मुताबिक़ साइकिल चलाने से कैंसर का ख़तरा कम हो जाता है, वज़न कम करने से नहीं हो सकता.
व्यायाम के तौर पर साइकिल चलाने को घूमने से बेहतर माना जाता है, हालांकि दोनों ही तेज़ होते हैं.
ब्रिटेन के कैंसर रिसर्च के क्लेयर हायड का कहना है, ''ये अध्य्यन आपकी दिनचर्या में क्रियाशीलता के संभावित लाभों को उजागर करने में मदद करता है. आपको जिम जाने या मैराथॉन दौड़ने की ज़रूरत नहीं है. कुछ भी जो आपके शरीर को थोड़ा गर्म करे और आपकी सांस फूलने लगे, चाहे वो साइकिलिंग हो या घर का कोई काम, आपकी मदद करता है.''

एक या दो का सिक्का नहीं लेने पर करें शिकायत

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ज्यादा पी रखी है तो नहीं मिलेगी शराब

ज्यादा पी रखी है तो नहीं मिलेगी शराब

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दिनांक 04-04-2017 को झारखण्ड मंत्रीपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

दिनांक 04-04-2017 को झारखण्ड  मंत्रीपरिषद  की  बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

सुनील बर्णवाल गोड्डा के उपायुक्त को शो-कॉज

सुनील बर्णवाल  गोड्डा के उपायुक्त को शो-कॉज
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मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुनील कुमार वर्णवाल ने मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में दर्ज शिकायतों के समाधान में बरती जा रही लापरवाही को लेकर गोड्डा के उपायुक्त को शो-कॉज किया। पिछले एक माह से शिकायतों के समाधान करने में गोड्डा का प्रदर्शन बेहतर नहीं है। प्रदर्शन में सुधार के लिए मोहलत देने के बावजूद गंभीरता नहीं दिखाई गई। श्री वर्णवाल मंगलवार को सूचना भवन सभागार में मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में दर्ज शिकायतों की साप्ताहिक समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान 11 शिकायतों की समीक्षा की गई।
ढाई साल बाद भी सीमा का सुराग नहीं, 15 दिनों में ठोस कार्रवाई का निदेश
रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के न्यू मधुकम निवासी राजू वर्मा की पत्नी सीमा देवी पिछले ढाई साल से लापता हैं। अब तक उनका कोई सुराग नहीं है। मुख्यमंत्री के सचिव ने पुलिस उपाधीक्षक को 15 दिनों में ठोस कार्रवाई करने का निदेश दिया। इस बाबत पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि स्पेशल टीम गठित कर पश्चिम बंगाल में उन्हें ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है।  
बीडीओ को शो-कॉज, दोबारा जांच कर दें रिपोर्ट 
गुमला जिले के घाघरा पंचायत की मुखिया द्वारा पिछले चार माह से कार्यकारिणी की बैठक नहीं कराई जा रही थी। बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) द्वारा इस मामले की जांच करने की बजाए मुखिया के स्पष्टीकरण को ही रिपोर्ट बना दी गई। इससे नाराज श्री वर्णवाल ने बीडीओ को शो-कॉज करते हुए पंचायत की रजिस्टर समेत अन्य कागजातों की जांच कर उन्हें दोबारा रिपोर्ट करने का निदेश दिया।
15 दिनों में भूमिहीन ग्रामीणों को करें बंदोबस्त
गोड्डा जिले के चौरा में ग्रामीणों द्वारा गोचर भूमि पर अतिक्रमण कर मकान बना लिया गया है।


श्री वर्णवाल ने अनुमंडल पदाधिकारी को निदेश दिया कि 15 दिनों में वैकल्पिक जमीन की व्यवस्था इन भूमिहीन ग्रामीणों के बीच कर उसे बंदोबस्त कराएं। लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सप्ताहभर में निर्धारित से अधिक उम्र वाले पंचायत स्वयं सेवक का चयन करें रद्द
लोहरदगा जिले के भरगांव में निर्धारित 35 वर्ष से अधिक उम्र के जगदीश भगत (38 वर्षीय) का चयन पंचायत स्वयं सेवक के रूप में किया गया है। मुख्यमंत्री के सचिव ने इसे गंभीरता से लेते हुए एक सप्ताह में चयन रद्द कर योग्य अभ्यर्थी को चयनित करने का निदेश दिया।  
राजस्व अभिलेख में नियमित कराएं
पलामू जिले के परसचुअन में आईसोलेक्स कंपनी द्वारा रैयतों से सहमति लिए बगैर जबरन रैयती जमीन पर सड़क बना दी गई थी। अब कंपनी अपने कार्यों के लिए सड़क का उपयोग कर रही है। मुख्यमंत्री के सचिव ने विभागीय जांच रिपोर्ट के आलोक में 30 साल पुराने इस मामले में अपर समाहर्ता को निदेश दिया कि प्रभावित सभी रैयतों से लिखित सहमति लेकर इसे राजस्व अभिलेख में नियमित कराएं।
मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के नोडल पदाधिकारी को शो-कॉज
श्री वर्णवाल ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के नोडल पदाधिकारी को शो-कॉज किया। वह साप्ताहिक समीक्षा के दौरान अनुपस्थित थे। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के नोडल पदाधिकारी को शिकायतों का त्वरित समाधान कराकर प्रदर्शन में सुधार करने को कहा गया। पूर्वी सिंहभूम एवं पलामू जिले के नोडल पदाधिकारी को भी बेहतर प्रदर्शन के लिए सप्ताहभर की मोहलत दी गई है।    

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