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Monday, June 12, 2017

अनार के फायदे

अनार एक ऐसा फल है, जो साल भर मिलता रहता है. अनार का जूस काफी फायदेमंद होता है और लोग इसे काफी पसंद भी करते हैं. यह काफी पौष्टिक और उपयोगी है. यह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है. तो आइए जानते हैं कि अनार के क्या-क्या फायदे हैं और इसका उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है.
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  • अगर आपको याददाश्त सम्बन्धित समस्या है, तो आपको अनार नियमित खाना चाहिए.
  • जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या हो, उनके लिए भी यह काफी उपयोगी है.
  • यह जोड़ों को कमजोर नहीं होने देता है, यह हड्डियों को मजबूत बनाता है.
  • अनार खाने से चर्बी नहीं बढ़ती है.
  • जी मचलने पर इसका जूस पीना फायदेमंद होता है.
  • यह दस्त में भी असरदार है.
  • अनार का जूस प्रोस्ट्रेट कैंसर से लड़ने में मदद करता है.
  • गठिया के रोगी के लिए भी यह फायदेमंद है.
  • अनार खून में ओक्सिजन की मात्रा बढ़ाता है.
  • अनार शरीर में खून के थक्के नहीं बनने देता है.
  • यह शरीर में रक्त के बहाव को सामान्य रखने में मदद करता है.
  • अनार आपको समय से पहले बूढ़ा नहीं दिखने देता है.
  • गर्भवती महिला को हर दिन अनार का जूस पीना चाहिए. इससे बच्चे के कम वजन जैसी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
  • अनार ब्रेस्ट कैंसर और फेफड़ो के कैंसर को रोकने में भी अहम भूमिका निभाता है.
  • गर्मियों में अनार को अपने आहार में जरुर शामिल करना चाहिए.
  • अनार का सेवन दांतों से सम्बन्धित समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करता है.
  • इसका दैनिक सेवन सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में मदद करता है.
  • अनार त्वचा की नमी बरकरार रखने में मदद करता है.
  • यह हमें कील मुहासों से बचाता है.
  • इसके सेवन से त्वचा पर सूर्य की किरणों का नकारात्मक असर नहीं पड़ता है.

गन्ने का रस के फायदे


गन्ने का रस पीना हमेशा एक आनंददायक अनुभव होता है. गन्ने का रस केवल पीने में में स्वदिष्ट

नहीं होता है, बल्कि इसके कई फायदे भी हैं. गर्मी में खासतौर पर गन्ने का रस ज्यादा फायदा

पहुंचाता है.
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  • गन्ने का रस पीने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह हमारे शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है.
  • गंदे जूस के दुकान पर गन्ने का जूस न पिएँ.
  • सड़े हुए या खराब गन्ने का जूस पीने से आपको उल्टी हो सकती है.
  • फ्रीज किया हुआ गन्ने का जूस न पिएँ, यह आपको फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है.
    इसलिए हमेशा ताजे गन्ने का जूस पिएँ.
  • गन्ने के रस के साथ किसी और चीज का मिश्रण नहीं मिलाना चाहिए.
  • एक दिन में अधिक से अधिक 2 ग्लास हीं गन्ने का जूस पीना चाहिए.
  • सुगर के रोगियों को गन्ने का रस नहीं पीना चाहिए.
  • एसिडिटी के कारण जलन होने पर गन्ने का रस पीने से जलन कम होता है.
  • गन्ने का रस कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है.
  • गन्ने के रस में बहुत सारे विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं.
  • समय-समय पर गन्ने का रस पीने वाले लोगों को पथरी होने की सम्भावना कम रहती है.
  • मूत्र मार्ग का संक्रमण, पेट में सूजन आदि इसके सेवन से ठीक हो जाता है.
  • रोज 2 ग्लास गन्ने के रस में निम्बू का थोड़ा सा रस और थोड़ा सा काला नमक मिलाकर पीने
    से पीलिया ठीक हो जाता है.
  • अगर गन्ने का रस निकालकर बहुत देर से रखा हुआ है, तो ऐसे रस को पीने से आपको परेशानी हो सकती है.
  • गन्ने का रस मसूड़े की परेशानी से बचाने में मदद करता है.
  • इसे पीने से शरीर का दर्द कम होता है.
  • गन्ना का रस खून की कमी होने से भी बचाता है.
  • इसका रस बालों को भी फायदा पहुंचाता है.
  • गन्ने का रस सर्दी-जुकाम से भी बचाता है.
  • इसे पीने से तुरंत स्फूर्ति मिलती है.
  • गन्ने का रस चर्बी कम करने में भी मदद करता है.

संतरा खाने के फायदे

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संतरा और उसका जूस देखने में जितना अच्छा लगता है, यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी उतना हीं अच्छा है. संतरा विटामिन सी का भंडार है और यह आसानी से बाजार में मिल जाता है. संतरा के बहुत सारे लाभ है,


इसके बहुत सारे उपयोग हैं. तो आइए हम जानते हैं संतरा के क्या-क्या फायदे और नुकसान हैं.

और इसका उपयोग हम किस-किस तरह कर सकते हैं :-
  • संतरा हाई बीपी के मरीज के लिए फायदेमंद है.
  • गर्भवती महिला के लिए भी संतरा का जूस बहुत फायदेमंद होता है.
  • संतरा कफ को बाहर निकालने में मदद करता है.
  • यह मौसम परिवर्तन के कारण होने वाले संक्रमण से भी हमें बचाता है.
  • संतरा में विटामिन सी और विटामिन डी होता है, जिसके कारण इसका जूस हमें तरोताजा रखता है.
  • गठिया के मरीज के लिए भी संतरे का जूस फायदेमंद है.
  • संतरे का रस हमारे शरीर में नई कोशिकाएँ बनाने में मदद करता है.
  • पेचिस होने पर संतरे के जूस में बकरी का दूध मिलकर पीने से फायदा पहुंचता है.
  • संतरे का नियमित सेवन बवासीर रोगियों के लिए भी फायदेमंद है.
  • बच्चों को संतरे का जूस जरुर पिलाना चाहिए, यह उनके विकास में मदद करता है.
  • संतरे के छिलके को सुखाकर चूर्ण बनाकर, उस चूर्ण को गुलाबजल के साथ मिलाकर थोड़ी देर चेहरे
    पर लगाने से चेहरा साफ और चमकदार हो जाता है.
  • गर्भवती महिला यदि संतरे या संतरे के रस का नियमित सेवन करती है, तो उसे प्रसव के समय कम
    दर्द होता है. और बच्चे पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
  • गैस, अपच, जोड़ों के दर्द आदि में भी संतरे का जूस बहुत फायदा पहुंचाता है.
  • जब छोटे बच्चे के दांत निकल रहे हों, और इस कारण उसे दस्त हो, तो भी संतरे का रस राहत पहुंचाता है.

तरबूज के फायदे और उनसे जुड़ी अन्य बातें

तरबूज के फायदे और उनसे जुड़ी अन्य बातें


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  • तरबूज खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए. तरबूज खाने के लगभग आधा-एक घंटा बाद पानी पीना चाहिए.
  • तरबूज को हमेशा तुरंत काटकर खाना चाहिए, घंटो पहले कटा हुआ तरबूज नहीं खाना चाहिए.
  • तरबूज शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है.
  • गर्मियों में तरबूज का नियमित सेवन वजन नियंत्रित करता है.
  • पानी और फाइबर से भरपूर होने के कारण तरबूज कब्ज नहीं होने देता है.
  • मुंहासे पर तरबूज को हल्का-हल्का लगा लें, फिर एक मिनट के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें…. इससे फायदा पहुंचेगा.
  • तरबूज कैंसर के नये कण बनने से रोकता है.
  • पानी की अधिकता होने के कारण तरबूज त्वचा को चमकदार बनाता है.
  • तरबूज के टुकड़े में काली मिर्च का पाउडर, सेंधा नमक या काला नमक मिलाकर खाने से खट्टा डकार बंद हो जाता है.
  • तरबूज का सेवन मांसपेशियों के दर्द को कम करने में भी मदद करता है.
  • तरबूज हमारे बालों के लिए भी फायदेमंद है.
  • गर्मियों में तरबूज का नियमित सेवन रतौंधी और मोतियाबिंद से बचाता है.
  • तरबूज का 92 % भाग पानी होता है.
  • बासी तरबूज भूलकर भी नहीं खाना चाहिए.
  • तरबूज हमारी उर्जा का स्तर बढ़ाता है.
  • तरबूज खाने और पचाने में आसान होता है.
  • पानी के अत्यधिक मात्रा होने के कारण इसका सेवन वजन कम करने में भी मदद करता है.
  • जो लोग सुबह-सुबह थकावट महसूस करते हैं, उन्हें इसका सेवन जरुर करना चाहिये.
  • तरबूज का सेवन गर्भवती महिला के लिए भी लाभदायक है.

नीम के फायेदे

कड़वा नीम मीठे गुणों से भरपूर होता है. नीम की पत्तियाँ, नीम का बीज, नीम का तेल और नीम का छाल…. नीम के पेड़ का हर भाग हमारे लिए उपयोगी है :-
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  • नीम का तेल मसूड़े की सूजन और दांतों की सड़न दूर करने में मदद करता है. यह दांत दर्द, दांत का कैंसर,
    दांत के सड़न आदि में भी फायदा पहुंचाता है.
  • अगर आपको रुसी, लीखें, या जुएं की समस्या हो तो नीम का तेल नियमित सिर में लगाने से इन सब
    समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी.
  • नीम के बीज से बने तेल को लगाने से झुर्रियाँ कम होती है.
  • नीम के बीज का तेल त्वचा को नर्म, चिकना और चमकदार बनाता है. यह त्वचा को दाग धब्बों
  • से मुक्त करता है.
  • नीम के बीज का तेल सोरेसिस, एक्जिमा, मुहांसे आदि में लाभदायक है.
  • नीम की पत्तियों का रस पीने से खून साफ होता है.
  • नहाते समय नीम की ताजी पत्तियों को पानी में डालकर नहाना भी त्वचा के लिए अच्छा रहता है.
  • नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर, पीसकर पेस्ट बना लीजिए, अब पेस्ट में शहद मिलाकर बालों
    में लगाने से रूसी खत्‍म हो जाती है और बाल मुलायम और चमकीले हो जाते हैं.
  • जलने की वजह से होने वाले जख्म पर नीम का तेल लगाने से जख्म ठीक हो जाता है.
  • नीम का तेल पालतू जानवरों को कीटाणुओं से संक्रमित होने से बचाता है.
  • नीम के बीजों और पत्‍तों से बनी चाय किडनी, मूत्राशय और प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारियों में असरदार है.
  • सुबह के वक्‍त नीम का जूस पीने से डायबिटीज कण्ट्रोल में रहता है. नीम की छाल और मेथी के चूर्ण
    को मिलाकर काढ़ा बनाकर कुछ दिन तक पीने से डा‍यबिटीज में फायदा पहुंचता है.
  • नीम के पत्तों का जूस और एलोवेरा जूस के साथ मिलाकर रोजाना खाली पेट पीने से शुगर नियंत्रित होता है.
  • नीम के पत्तों का महीने में 10 दिन सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है.
  • अगर आपके पैरों में फंगल इन्फेक्शन की समस्या हो तो, नीम के तेल में थोड़ा सा नारियल का तेल
    मिलाकर प्रभावित हिस्से में लगाएँ.
  • नीम की पत्ती के साथ शहद को मिलाकर सेवन करने से पीलिया रोग कम हो जाता है.
  • नीम मलेरिया को नियंत्रित करके बढ़ने से रोकता है.
  • चिकन पॉक्स के दाग को खत्म करने के लिए नीम के रस को प्रभावित हिस्से में लगाना चाहिए
  • गर्भावस्था को रोकने के लिए नीम के तेल का उपयोग लुब्रीकेंट के रूप में किया जाता है.
    अगर आप सन्तान प्राप्ति की योजना बना रहे हैं तो आपको नीम का उपयोग नहीं करना चाहिए.
  • मसूड़ों से खून आना, या पायरिया होने पर नीम की छाल या पत्तों को पानी में डालकर कुल्ला करने
    से लाभ होता है.
  • नीम का रस पीने से त्वचा के भीतर की गंदगी दूर हो जाती है.
  • Neem के रस से युक्त ऑय ड्राप आँखों के लिए फायदेमंद होता है.
  • नीम के बीज का तेल घर में कीटाणुओं को दूर रखता है.
  • नीम के बीज को पीसकर रात भर पानी में भिंगाकर रखने और सुबह इस पानी को फसलों पर छिड़कने
    से फसल में लगे हुए कीटाणु मर जाते हैं. सबसे बड़ी बात इसका फसलों या मिट्टी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है.
  • अगर आपको पेट में कीड़ों की समस्या हो, तो नीम के पत्तों के रस में शहद और काली मिर्च मिला कर
    लीजिए यह फायदा पहुँचायेगा.
  • नीम के फूलों को मसलकर गर्म पानी में डाल कर छान कर पीने से कब्ज दूर होता है.
  • नीम की पत्तियों को सुखाकर चीनी मिलाकर खाने से दस्त कम हो जाता है.

जानें, डायबिटीज मरीज, क्‍या खाएं नाश्‍ते में

इंसान चाहे जो भी हो, ब्रेकफास्‍ट करना हर किसी के लिये जरुरी होता है। अगर आप डायबिटिक हैं, तो आपको तो भूल कर भी अपना ब्रेकफास्‍ट नहीं छोड़ना चाहिये क्‍योंकि रात से कुछ ना खाने की वजह से ब्‍लड शुगर लेवल लो हो सकता है। साथ ही सही और हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट खाने से शरीर को पूरे दिन एनर्जी मिलती रहती है। मधुमेह रोगी होने का यह मतलब नहीं है कि आप को बोरिंग और फीका खाना ही खाना पड़ेगा। आप अपना पेट कर किसी भी टेस्‍टी मील का आनंद उठा सकते हैं ,जैसे सुबह का नाश्‍ता। चूंकि यह रोग मनुष्य के साथ जीवन भर रहता है इसलिए जरूरी है कि वह अपने खानपान पर हमेशा ध्यान रखे।

इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए आज हम आपको बताएंगे कि आप नाश्‍ते में यानी ब्रेकफास्‍ट में किन-किन चीजों का सेवन कर सकते हैं।

1. स्‍मूदी अगर स्‍मूदी को सही सामग्री से मिला कर तैयार किया जाए, तो यह बिल्‍कुल भी ब्‍लड शुगर लेवल नहीं बढ़ाएगी। अगर आप इसमें सेब, थोड़ी सब्‍जियां, खीरा, पालक या स्‍ट्रॉबेरीज़ मिला कर बनाएं तो इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट की मात्रा बढेगी। साथ ही इसमें मेवे और फ्लैक्‍स सीड मिलाना ना भूलें।
2. ओटमील

2. दलिया  में घुलनशील फाइबर होता है जो कि पेट को लंबे समय तक भरे रखता है तथा ब्‍लड शुगर के लेवल को ठीक रखता है। साथ ही इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड, फोलेट और पोटैशियम भी काफी पाया जाता है। आप इसे लो फैट मिल्‍क से ही पकाएं और शहद मिला कर खाएं।
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3. जौ इसमें ओट्स के मुकाबले दोगुना प्रोटीन और आधी कैलोरी होती है इसलिये यह ब्रेकफास्‍ट में खाने के लिये अच्‍छा माना जाता है। इसमें डाइट्री फाइबर होता है जो कि भूख को कंट्रोल में रखता है और दिल की बीमारी से बचाता है।
3. जौ
4. लो फैट दही दिन की शुरूआत एक कटोरी दही से कीजिये क्‍योंकि इसे खाने के बाद आपका इंसुलिन एकदम से नहीं बढ़ेगा। साथ ही इसमें प्रोटीन, कैल्‍शियम और अन्‍य पौष्‍टिक तत्‍व पाए जाते हैं। यह टाइप 2 डाइबिटीज को कम करने में फायदेमंद है।
4. लो फैट दही

5. अंडे की भुर्जी और टोस्‍ट प्रोटीन, विटामिन डी और फैट से भरपूर अंडे, आपकी एनर्जी लेवल को ऊपर तक ले जाएंगे और आपको पूरे दिन फुल रखेंगे। अगर आप चाहें तो अंडे की भुर्जी की जगही पर केवल उबले अंडे का सेवन भी कर सकते हैं।
 5. अंडे की भुर्जी और टोस्‍ट

6. वीट ब्रेड की सैंडविच मधुमेह रोगियों को होल वीट ब्रेड ही खानी चाहिये क्‍योंकि सफेद ब्रेड मैदे और शक्‍कर की बनी होती है। इस ब्रेड में आपको फाइबर मिलेगा जिससे यह धीरे धीरे पेट में डाइजेस्‍ट होगा और आपके खून में धीरे धीरे शुगर रिलीज करेगा। आप इस ब्रेड पर पीनट बटर लगा कर खा सकते हैं।

6. वीट ब्रेड की सैंडविच

7. बादाम और फल बादाम खाने से डाइबिटीज 2 वालों का ग्‍लाइसीमिक कंट्रोल में रहता है और लिपिड प्रोफाइल ठीक रहती है। अगर बादाम को फलों के साथ खाया जाए तो शरीर में एंटीऑक्‍सीडेंट और अन्‍य जरुरी पोषक तत्‍व बढेगें।
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डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है जामुन के बीज का पाउडर, घर पर ऐसे बनाएं

जामुन का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। आपको बता दें की जामुन जितना टेस्टी फल है, उतने ही इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन एक बेहतर चीज है। केवल जामुन ही नहीं, जामुन के बीज का पाउडर भी उतना ही फायदेमंद होता है। जामुन के बीज का विभिन्न वैकल्पिक उपचारों में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में डायबिटीज कंट्रोल करने, यूनानी और चीन की दवाओं में पाचन संबंधी रोगों के लिए जामुन के बीजों का उपयोग किया जाता है। इसके पत्तों और छाल का ब्लड शुगर और मसूड़ों की सूजन जिन्जवाइटिस को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह विटामिन ए और सी का बेहतर स्रोत है।

जामुन के बीज का पाउडर बनाने के दो तरीके हैं। पहला, बीजों को धूप में सुखाकर पाउडर बनाना और दूसरा बीजों को भूनकर पाउडर बनाना।


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  • जामुन खाने के बाद बीजों को अच्छी तरह धो लें। उसके बाद उन्हें धूप में सुखा लें। सूखने के बाद उनका छिलका उतार लें। अंदर का हिस्सा आपको पिस्ता की तरह नजर आएगा। आप छिलके के साथ भी पतला पाउडर बना सकते हैं। सूखने के बाद बीज मजबूत हो जाते हैं। इसलिए ध्यान रहे इससे मिक्सी का ब्लेड खराब हो सकता है। इसलिए बीजों को पीसने से पहले उनके छोटे-छोटे टुकड़े कर ले। पाउडर को एक कंटेनर में रखें और सुबह खाली पेट एक चम्मच खाएं।

  • आप बीजों को धोने के तुरंत बाद भी पाउडर बना सकते हैं। इसके लिए एक पैन गर्म करें और उसमें बीजों को भून लें। इसके बाद इनका पतला पाउडर बना लें और कंटेनर में रखें। रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच पाउडर खाएं।




मोटापा कम करने का ये तरीका हो सकता है ख़तरनाक

मोटापा कम करने का ये तरीका हो सकता है ख़तरनाक मोटापा कम करने या दूसरे शब्दों में कहें तो शरीर से चर्बी घटाने के लिए की जाने वाली सर...