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Thursday, July 20, 2017

कॉफी पीने से लंबी हो सकती है आयु!

कॉफी पीने से लंबी हो सकती है आयु!

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एक शोध से पता चला है कि दिन भर में तीन बार कॉफी पीने से आपकी आयु लंबी हो सकती है.
यह शोध यूरोप के दस देशों के करीब पांच लाख लोगों पर किया गया. यह शोध 35 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों पर किया गया.
एनाल्स ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन नाम के जर्नल में छपे शोध में कहा गया है कि एक कप अतिरिक्त कॉफी पीने से किसी इंसान की आयु लंबी हो सकती है. भले ही यह कॉफी डिकैफ़िनेटेड (कैफ़िन निकाला गया) ही क्यों ना हो.
लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने शोध के नतीजों पर शंका जाहिर की है. इन विशेषज्ञों का कहना है कि यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि कॉफी की ही वजह से ही ऐसा हुआ है या फिर कॉफी पीने वाले लोगों के स्वस्थ जीवनशैली के कारण.
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर एंड इम्पेरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं का कहना है कि अधिक कॉफी पीने का ताल्लुक दिल और आंत की बीमारी से मरने का जोख़िम कम होने से है.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैम्ब्रिज के प्रोफेसर सर डेविड स्पीगलहालटर का कहना है कि अगर कॉफी की वजह से मृत्यु की दर में कमी का आकलन किया जाए तो एक अतिरिक्त कप कॉफी हर दिन पीने से मर्दों की उम्र तीन महीने ज़्यादा हो सकती है, जबकि औरतों की आयु औसतन एक महीने बढ़ जाती है.
हालांकि यह शोध बहुत बिलकुल सही तरीके से किया गया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसमें कोई चूक ना हुई हो. यह शोध ये भी नहीं बता सकता कि कॉफी के अंदर ऐसा क्या जादुई तत्व है, जिससे आयु बढ़ सकती है.

क्या है बच्चों में भी दांत पीसने की आदत : जानिये

 क्या है बच्चों में भी दांत पीसने की आदत : जानिये
अगर आपके बच्चों में भी दांत पीसने की आदत है तो बहुत संभव है कि स्कूल में उन पर धौंस (बुलिंग) जमाया जा रहा हो. यह बात एक नए शोध में सामने आई है.
मुंह के स्वास्थ्य से संबंधित एक चैरिटी ने कहा है कि माता-पिता और स्कूल को इस समस्या के बारे में पता होना चाहिए. यह तनाव और चिंता से गुजर रहें वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है.
दांत पीसने से सिर दर्द, दांत ख़राब होने और आधी-अधूरी नींद की समस्या भी हो सकती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में इजाफा भी देखा गया है.
यह शोध जर्नल ऑफ़ ओरल रिहैबिलिटेशन में प्रकाशित हुआ है. यह शोध ब्राज़ील में तीन सौ से अधिक किशोरों पर किया गया है.

नुकसान

इस शोध के नतीजों के मुताबिक़ स्कूल में बुलिंग के शिकार 13 से 15 साल के बच्चों में दांत पीसने की आदत चार गुना अधिक पाई गई है.
इनमें सोने के दौरान भी दांत पीसने की आदत देखी गई है. बुलिंग के शिकार 65 फ़ीसदी बच्चों में यह आदत देखी गई है जबकि जो बच्चे बुलिंग के शिकार नहीं थे उनमें सिर्फ़ 17 फ़ीसदी में यह आदत देखी गई.
ओरल हेल्थ फाउंडेशन के डॉक्टर नीगेल कार्टर ने कहा, "इस मामले में दांत पीसने से अधिक यह महत्व की बात है कि यह बच्चे की मानसिक स्थिति को दिखाता है और शुरुआती दौर में ही बुलिंग को पकड़ने में हमारी मदद करता है."
उन्होंने बताया कि सोने के दौरान दांत पीसना नुकसानदायक हो सकता है लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर अनजान रहते हैं कि वो ऐसा कर रहे थे.
दांत पीसने से दांत की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इससे दांतों में झनझनाहट, दांतों का घीसना, दांत टूटना और चेहरे और जबड़ों में दर्द जैसी शिकायत हो सकती है.
डॉक्टर नीगेल कार्टर बताते हैं कि दांत पीसना चबाने से 40 गुना अधिक ताकत वाली प्रक्रिया होती है.

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