जामुन का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। आपको बता दें की जामुन जितना टेस्टी फल है, उतने ही इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन एक बेहतर चीज है। केवल जामुन ही नहीं, जामुन के बीज का पाउडर भी उतना ही फायदेमंद होता है। जामुन के बीज का विभिन्न वैकल्पिक उपचारों में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में डायबिटीज कंट्रोल करने, यूनानी और चीन की दवाओं में पाचन संबंधी रोगों के लिए जामुन के बीजों का उपयोग किया जाता है। इसके पत्तों और छाल का ब्लड शुगर और मसूड़ों की सूजन जिन्जवाइटिस को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह विटामिन ए और सी का बेहतर स्रोत है।
जामुन के बीज का पाउडर बनाने के दो तरीके हैं। पहला, बीजों को धूप में सुखाकर पाउडर बनाना और दूसरा बीजों को भूनकर पाउडर बनाना।

- जामुन खाने के बाद बीजों को अच्छी तरह धो लें। उसके बाद उन्हें धूप में सुखा लें। सूखने के बाद उनका छिलका उतार लें। अंदर का हिस्सा आपको पिस्ता की तरह नजर आएगा। आप छिलके के साथ भी पतला पाउडर बना सकते हैं। सूखने के बाद बीज मजबूत हो जाते हैं। इसलिए ध्यान रहे इससे मिक्सी का ब्लेड खराब हो सकता है। इसलिए बीजों को पीसने से पहले उनके छोटे-छोटे टुकड़े कर ले। पाउडर को एक कंटेनर में रखें और सुबह खाली पेट एक चम्मच खाएं।
- आप बीजों को धोने के तुरंत बाद भी पाउडर बना सकते हैं। इसके लिए एक पैन गर्म करें और उसमें बीजों को भून लें। इसके बाद इनका पतला पाउडर बना लें और कंटेनर में रखें। रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच पाउडर खाएं।
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